Tag: Thoughts

मिया महोतरमा!

जब मिया मिले महोतरमा से पहली दफा,देर से आकर कर दिया उनको खफा,तशरीफ़

मुस्कान!

वो जो होटों पर आए, मगर ठहर न पाए,चेहरे के नूर को रोशन

Be You!

Fake इस ज़माने में, दिल-फेंक बन तू,Formalities के दायरों से हट, थोड़ा मनमर्ज़ी

वो दौर!

वो दौर कुछ ऐसा था, क्या अपना क्या पराया, सब अपनों के जैसा

गुफ़्तगू।

गुफ़्तगू कुछ ऐसी हुई उससे,हम खोते ही चले गए।वो तो राही था इस

नन्ही परी!

वो नन्ही परी जब आयी हमारे द्वार,अपनी प्यारी किलकारियों से उसने घर दिया
Autumn

पतझड़।

सुन पतझड़, क्यों अपने इस हाल पे उदास है,तेरे झड़ने से ही तो

रिश्तें!

क्यों हम रिश्तों को इतना मोल देते है,उनको उम्मीदों और आशाओं में तोल