अधूरा राबता!

अधूरा राबता!

Adhura Raabta

बिता वक़्त याद आता है,
कभी तुम तो कभी तुम्हारा ज़िक्र इस दिल को जलाता है।
मिन्नतें तो बहुत करि थी रब से,
बस राबता करा दे तुमसे एक बार।
जान तुम्हारा हाल, ना कोई तुम मे सुधार,
आज उस अधूरी तमन्ना के लिए,
हम है उस रब के शुक्रगुज़ार।

-शिखा जैन