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Tag:
Nature
रिश्तें!
क्यों हम रिश्तों को इतना मोल देते है,उनको उम्मीदों और आशाओं में तोल
EK CUP COFFEE!
Wo thandi hawaa ka jhoka, jab chehre se lipat jaye, Wo aankho main
ज़िन्दगी खूबसूरत है!
निकल पड़ा हूँ राह मैं ,खुले आस्मां की छाँव मैं ,मंज़िल अपनी तो
मन बावरा!
बावरा सा ये मन, कही ठहरता ही नहीं , भवरे की तरह मंडराए