Tag: Musings

मेहफ़िल

इस भरी मेहफ़िल मैं भी तन्हाई का आलम है,ये उनके ना होने से

जज़्बात!

ज़ुबा पे थे जज़्बात पर बयान न कर पाए,कम्बख्त इन आँखों ने उन्हें,

बेपरवाह

जिए तो जिए यु , जिए तू बेपरवाह ,रोज़ की भगदड़ मैं ,

बस एक पल

वो बारिश कुछ ऐसी हुई,दो दिल एक अनजान राह पर कुछ यु मिले,उस

मन बावरा!

बावरा सा ये मन, कही ठहरता ही नहीं , भवरे की तरह मंडराए

एक छींक ऐसी.

ख्वाइशों को पूरा करने मैं मसरूफ थे इतने, महरूम रह गएँ थे छोटी