Ohh my Baby!

Ohh my Baby!

Ohh my BABY

अल्फाज़ो में मेरे ज़िक्र हो तुम्हारा,
दिल में मेरे दीदार हो तुम्हारा,
ओह मेहरमा!
तेरे इंतज़ार में क्या शाम और क्या सवेरा।
बस अब तो हर पल यही है आस जो,
के मिलने की तुमसे, हमारी वो महफ़िल या मोड़ पास हो।
चाह है ये जो मेरी,
अब उसे ख्वाबो से निकलकर, हकीक़त में मिलकर कर दो पूरी।

-शिखा जैन