
नन्ही परी!
वो नन्ही परी जब आयी हमारे द्वार,
अपनी प्यारी किलकारियों से उसने घर दिया सवार,
देकर औदा माँ-बाप का, अपने पर दिया हमको अधिकार,
आयी बन खुशियों की पुड़िया, कर गयी ये ज़िन्दगी गुलज़ार,
शुक्र गुज़ार है तेरे,
जो तुने किया हम पर ये उपकार,
जो तुने किया हम पर ये आभार।
-शिखा जैन



Aakash Shah
Really good. Well written 💯👌🏻
Tapan Mishra
This is lovely, specially the lyrics are very touchy.
Thank you Shekha 😀