मन।

मन।

Mann

ऐ मन,
तू कभी इतना बेगाना न होना,
के मेरा होना बेवजूद हो जाए।
यही गुज़ारिश है तुजसे,
मुझे कभी इतना भी पराया न कर देना खुद से,
के ये वजूद बस यूही बेवजह मिट्टी में मिल जाए।

-शिखा जैन