कुछ ऐसे मिज़ाज इसके..

कुछ ऐसे मिज़ाज इसके..

Kuch Aise Mizaaj Iske

दिल शायराना तो था,
पर वाक़िफ न थे इससे हम,
जब वो टूटा तो,
कुछ यूँ भान हुआ इस अंदाज़ का,
के लथ लग गई हो जैसे इसकी अब।

-शिखा जैन