Khoye Se Hum!

Khoye Se Hum!

Khoye se Hum

क्यों खोया खोया सा है ये मन,
कुछ उफान बवंडर है अंदर,
ये कहना तो बहुत कुछ चाहता है,
बस इन खयालो का लफ़्ज़ों से मिलाप न हो पा रहा है!

-शिखा जैन