वक़्त!

आप आए ज़िन्दगी में,क्या ये हमारी खुशनसीबी है? ये कौन बताए?दौर ये वक़्त का कुछ

Khoye Se Hum!

क्यों खोया खोया सा है ये मन,कुछ उफान बवंडर है अंदर,ये कहना तो बहुत कुछ

Ohh my Baby!

अल्फाज़ो में मेरे ज़िक्र हो तुम्हारा,दिल में मेरे दीदार हो तुम्हारा,ओह मेहरमा!तेरे इंतज़ार में क्या

दर्द!

इस दर्द का भी क्या कहना,कुछ यूँ शरीख हुआ ये इस ज़िन्दगी में,के अपने आने